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रबी सीजन में लहसुन की खेती की शुरुआत कैसे करें |  5 आसान और जरूरी टिप्स।

रबी सीजन में लहसुन की खेती की शुरुआत कैसे करें | 5 आसान और जरूरी टिप्स।

प्रिय पाठकों बलवान कृषि के ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है


लहसुन की खेती की कैसे करें

 

क्या आप जानते है लहसुन की खेती का इतिहास कितना पुराना है? लहसुन की खेती यूरोप और एशिया की सबसे पुरानी बागवानी फसलों में शामिल है।


बात करे हमारे भारत की तो यहां लहसुन हर रसोई की शान ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का खजाना भी है। भारत में इसकी की खेती सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। लहसुन की चटपटी महक और उसके गुण इसे बहुत खास बनाते हैं। 


बिना लहसुन के लगभग सभी भारतीय रसोइयाँ अधूरी हैं। अब बात करें इसकी की खेती की तो क्या आपने कभी सोचा है कि लहसुन की खेती कैसे की जाती है और इसकी की खेती करके आप कैसे अपनी जमीन से सोना उगा सकते हैं?

लहसुन की फसल केवल मुनाफा कमाने का ही जरिया नहीं है, बल्कि यह किसानों को बाजार में नई पहचान देने का माध्यम भी है। बढ़ती मांग, सही तकनीक और थोड़ी सी मेहनत के साथ, लहसुन आपको कृषि के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है। 

आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे लहसुन की खेती करने के लिए 5 ऐसे आसान टिप्स जिनको अपनाकर भारत के किसान सफलता के साथ लहसुन उगा सकते है। आइये जानते है इन टिप्स के बारे में। 

 

सही स्थान का चयन करें 

लहसुन उगाने के लिए उपयुक्त स्थान का चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसकी की फसल गर्मी के मुकाबले ठंडी जलवायु (cold climate) में अच्छी तरह से उगती है। खासकर रबी सीजन में जब तापमान 10°C से 25°C के बीच रहता है। 

इसलिए किसान को अपने खेत का चयन करते समय इस बात का ध्यान में रखना जरुरी है साथ ही लहसुन का उत्पादन ऐसे स्थान पर करें जहां पर फसल को सूरज की पर्याप्त रोशनी मिले और जल निकासी भी अच्छी हो। 

इसके अलावा, लहसुन की खेती के लिए रेतीली और दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का pH स्तर 6-7 के बीच होना चाहिए।


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लहसुन की किस्मों (Garlic Varieties) का चयन

 

लहसुन की खेती में किस्मों  का चयन भी अहम माना जाता है। क्योंकि यदि सही किस्म का चयन नहीं किया गया तो किसानों को अच्छा उत्पादन मिलना कठिन हो सकता है। भारत में लहसुन की कई किस्में उगाई जाती हैं, जैसे कि 'Pusa White', 'G-1', 'G-50', और 'Rajmudi'। 

 

हर किस्म का अपना विशेष गुण होता है, जैसे कि कुछ किस्में अधिक उगने वाली होती हैं, तो कुछ किस्में तेज़ स्वाद वाली होती हैं। आपकी जलवायु और मिट्टी के हिसाब से सही किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है, ताकि उत्पादन अच्छा हो और आपको लहसुन की खेती से अधिक लाभ मिले।

 

 

सही समय पर बुवाई करें 

 

लहसुन की बुवाई का सबसे अच्छा समय रबी सीजन में अक्टूबर से नवम्बर के बीच होता है। इस दौरान तापमान न तो बहुत ज्यादा होता है, न ही बहुत कम। इसके के लिए ठंडी जलवायु अधिक फायदेमंद होती है, इसलिए इस समय बुवाई करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। 

 

बुवाई से पहले लहसुन की कलियों को अच्छे से छान लें और स्वस्थ कलियां ही चुनें। बुवाई के लिए 10-15 सेंटीमीटर की दूरी पर पंक्तियों में कलियां लगानी चाहिए।

 

 

लहसुन की खेती के लिए निराई - गुड़ाई 

 

लहसुन की खेती में निराई-गुड़ाई का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह खरपतवारों को नियंत्रित कर पौधों को पोषक तत्वों का समुचित उपयोग करने में मदद करता है। निराई-गुड़ाई के लिए सही समय पर ध्यान देना आवश्यक है, जिससे लहसुन की फसल स्वस्थ और उपजाऊ बनी रहे। 

 

आधुनिक कृषि उपकरण, जैसे Balwaan Power Weeder, इस प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाते हैं। Balwaan Power Weeder का उपयोग खेतों में आसानी से खरपतवार हटाने और मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए किया जा सकता है, जिससे श्रम और समय की बचत होती है। इसकी उपयोगिता और सरल संचालन लहसुन की खेती को अधिक लाभकारी बनाते हैं। 

 

 

बुवाई के बाद की देखभाल और कटाई

 

लहसुन के पौधों की सही देखभाल करते हुए, उन्हें 6 से 8 महीने में तैयार किया जा सकता है। बुवाई के लगभग 2-3 महीने बाद पौधे में फूल आने की प्रक्रिया शुरू होती है, लेकिन बुवाई के बाद मुख्य ध्यान फूलों को तोड़ने पर नहीं बल्कि पौधों के विकास पर होना चाहिए।

 

लहसुन की फसल कटाई के लिए तब तैयार मानी जाती है जब पत्तियां सूखने लगती हैं। यह आमतौर पर गर्मी के महीनों में मई-जून के बीच होता है। लहसुन को काटने के बाद, उसे अच्छे से छांव में सुखाएं,ताकि उसका आकार और स्वाद दोनों बढ़ सके।

 

निष्कर्ष

 

लहसुन की खेती (lahsun ki kheti) न केवल एक लाभकारी व्यवसाय है, बल्कि इसे ठीक तरह से करने से किसान अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। लहसुन की खेती से कमाई (lahsun ki kheti se kamai) करने के लिए सही जानकारी और देखभाल जरूरी है। 

हम आशा करते हैं कि ऊपर दिए गए टिप्स के माध्यम से आप आसानी से रबी सीजन में लहसुन की खेती (Garlic Farming) कर पाएंगे। सही स्थान, किस्में और उचित देखभाल के साथ, आप लहसुन की खेती से अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

अगर आप भी लहसुन की खेती करने जा रहे हैं तो इन टिप्स को ध्यान में रखें और सफलता की ओर कदम बढ़ाएं।

यदि आप खेती के लिए आधुनिक कृषि उपकरण की खोज में जिससे आपकी खेती और भी आसान और प्रभावशाली बन जाए तो Balwaan Krishi की वेबसाइट विजिट करें। 

जहाँ हम आपकी खेती को आसान और समृद्ध बनाने के लिए तरह - तरह के कृषि उपकरण उपलब्ध करवाते है। 

 

लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न : 

 

लहसुन में कितना पानी देना चाहिए?


लहसुन को हर सप्ताह 1–1.5 इंच पानी की जरूरत होती है, लेकिन यह मौसम और मिट्टी की प्रकार पर निर्भर करता है। इस बात का ख़ास ख्याल रखें की अत्यधिक पानी देने से इसकी की जड़ें सड़ भी सकती हैं।


लहसुन कितने दिन में अंकुरित होता है?


लहसुन की फसल सही देखभाल और सिंचाई करने पर लगभग 7 से 15 दिनों में अंकुरित हो जाती है, यदि इसे उचित तापमान और नमी मिले।


लहसुन की ग्रोथ बढ़ाने के लिए क्या डालें?


लहसुन की ग्रोथ बढ़ाने के लिए अच्छी जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या कंपोस्ट डालें। इसके अलावा, बोरॉन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भी पौधों की वृद्धि में मदद करते हैं।


 

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